अमू हाजी ईरान के एक गाँव का रहने वाला बाशिंदा था। तीस एक साल की उम्र में अमू को लगा नहाने से वो मर जाएगा तो उसने नहाना धोना बंद कर दिया।
आगामी ६७ साल तक अमू हाजी ने गुसल- स्नान- नहाना- बाथ आदि कुछ नहीं किया।
अमू गाँव के बाहर एक झुग्गी में रहने लगा। मानसिक रूप से बीमार अमू में फ़ितूर था कि नहाना सफ़ाई आदि सेहत के लिए हानिकारक है। अलबत्ता अमू ने इन सब हाइजीन के पैमाने तोड़ दिये। ब्रश करना मुँह धोना स्नान करना सब बंद।
यही नहीं- खाने के लिए ताज़ा खाना भी बंद कर दिया। रोड साइड दुर्घटना में मरे हुए जानवरो को खा गुज़ारा करना प्रारंभ कर दिया। कितना भी सड़ा हुआ शव क्यों ना हो- अमू इन्हें ही खा अपनी क्षुब्धा मिटाया करता। मृत साही खाना उसका प्रिय शग़ल था।
यही नहीं ध्रूमपान करने के शौक़ीन अमू सिगरेट पीने का आदी था किंतु चूँकि सिगरेट आसानी से नहीं मिलती तो अमू हाजी पशुओं की विष्ठा एक पाइप में भर सिगार या हुक्के की तरह पीता।
इन सब के वावजूद अमू हाजी की सेहत बिल्कुल दुरुस्त थी- कोई बीमारी नहीं।
इस ६७ साल में ग्रामीणों ने उसे हर तरह नहलाने की कोशिश की किंतु वो हर बार भाग जाता था।
फाइनली ६७ साल बाद- जब अमू हाजी की उम्र ९४ साल की थी- ग्रामीणों ने उसे नहाने के लिए मना लिया। फाइनली हाजी ने स्नान किया।
स्नान करने के कुछ दिन बाद ही अमू हाजी ख़ुदागंज की सैर को निकल गया- फ़ौत हुआ। कारण- नहाने के बाद बीमार पड़ गया और जी ना पाया।
दुनिया के सबसे अनहाइजनिक आदमी का नाम अमू हाजी- ईरान वाले!